बिहार और बिहारी
बिहार और बिहारी
कौन है हम ? कहा सेह आते हैं हम ? हमारी पहचान क्या है ? हमारे राष्ट्र का नाम क्या है ? बता दे.. हां हां हम वही हैं जिसे आप गाली देते हैं। हमारे काम करने को मज़दूरी बोलते है, पर हमें इस बात का कोई शर्म नहीं। क्यों कि हम गाली नहीं बिहारी हैं। ये अंकल-आंटी बुलाने वाले क्या जाने हमारे चाचा-चाची बुलाने के अंदाज को, ये माजा पीने वाले क्या जाने मालदा आम के स्वाद को, मुजफ्फरपुर के लीची के मिठास को, हमारे महान नालन्दा के इतिहास को |
तो चलिए एक कविता से सुनते हैं क्या है हमारे लिए बिहार
हम हार हैं, इज़हार हैं, इस्तेहार हैं |
अनपढ़ होकर भी होनहार है |
होली की पिचकारी हो या , भागलपुर की साड़ी सब के हम हितकारी है |
क्योंकि हम बिहारी हैं ||
अपने जीवन के हम निर्माणकारीहम हैं |
क्योंकि हम बिहारी हैं ||
जिम्मेदारियों के लिए घर से दूर रहना जरूरी है |
तो छठ पूजा पर घर जाना जरूरी है |
क्योंकि हम बिहारी हैं ||
प्यार एक सुंदर एहसास है ,
तो उसी प्यार के लिए पहाड़ तोड़ना हमारा इतिहास है |
गैरो के लिए ना दिल में रहता कभी वैर है
क्योंकि हम पूरा का पूरा बिहार हैं।|
इतना सब पता है फिर क्यों, आप कह नहीं पाते हम बिहार से है |
क्या लोगो की बात आपको चुबता हैं|
हम बिहारी हैं | ये दिल कहने में आपका दिल दुखता हैं|
लोग तो कहेंगे बिहारी |
उनको क्यों टोकता हैं|
इनके आगे क्यूं झुकता है |
अपने आप को बिहारी कहलवाने से क्यूं रोकता हैं| |
अब कोइ तेरा मजाक उड़ाएं बिहारी होने का ,तो कहना
हां !! हू मैं बिहारी !
मैं उस मांजी के प्रदेश से अता हु जिसने प्यार के लिए पर्वत चीरा था।
हां,मैं उससे राष्ट्र से, जिसमे से बहार आई जय प्रकाश नारायण जैसे लोगो की वीर गाथा।
अब कोई तेरा मजाक उड़ाएं
तो मुस्कुराना और कहना
हां !हम बिहारी है !!
यह गले में लिपटा गमछा,और खून में मुश्किलों से लड़ने की तैयारी है |
हां ! गुरु हम बिहारी है !!
हम बिहारी है ||
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